THE 2-MINUTE RULE FOR BEST HINDI STORY

The 2-Minute Rule for best hindi story

The 2-Minute Rule for best hindi story

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घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।

नैतिक शिक्षा –  जो दूसरों के दर्द को समझता है उसे दुःख छू भी नहीं पता।

धीरे धीरे रूपा और पीपल के पेड़ की दोस्त बढ़ने लगी। जब राजा को इसकी भनक लगी तो वह विचलित हो उठा। रूपा किसी खतरे में न पड़ जाये यह सोच कर उसने जंगल के सभी पेड़ कटवाने का निर्णय ले लिया। राजा के आदेश से सैनिक जंगल में पेड़ काटने पहुंचे पर वह जैसे ही पीपल के पेड़ की टहनियां काटते, पेड़ से नयी टहनियां ऊग आती। सैनिक घबरा गए। तब पीपल के पेड़ ने गरज कर कहा की सालों से वह और उसके साथी इंसानों को सांस लेने के लिए हवा देते आ रहे हैं , और आज यह लोग उन्हें ही ख़त्म करने चले हैं। अगर पेड़ नहीं रहे, तो इंसान भी नहीं बचेंगे। यह पता चलने पर राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने अपना निर्णय वापस लिया और रूपा और पीपल के पेड़ की दोस्ती की फ़िक्र छोड़ दी।

यह बच्चों के लिए एक दक्षिण भारतीय लोक कथा है

भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा,लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती

एक दिन रूपा बगीचे में खेल रही थी। तभी उसके पास एक तितली आ कर बैठी। इसके पंखों में हीरे जड़े हुए थे। तभी तितली उड़ चली और रूपा उसका पीछा करते करते जंगल में निकल गयी। कुछ देर बाद here रूपा को एहसास हुआ की वह भटक गयी है। तभी तेज़ तूफ़ान शुरू हो गया और रूपा रोने लगी। अचानक से रूपा के पीछे लगे पीपल के पेड़ की डाली आगे आयी और उसने रूपा उठा कर कहा की उसके रहते रूपा को डरने की कोई ज़रुरत नहीं है। जब तक तूफ़ान थम नहीं गया, पीपल के पेड़ ने रूपा को अपने अंदर छिपाये रखा। तब तक रूपा को ढूंढते हुए सैनिक आ गए और उसे अपने साथ महल वापस ले गए।

In enjoy with all matters sluggish and peaceful, she can normally be found hunting for quiet corners by using a glass of wine in hand. Other enjoys incorporate minor, inconsequential points, like neatly tucked-in bedsheets and massive, major items, like entire cheesecakes. She dreams of staying a baker and crafting about meals sometime.

मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत बन जाती है।

पेंटिंग की कोई भी प्रतियोगिता स्कूल में होती, तो उसमें वह प्रथम स्थान प्राप्त करता। मुकेश की पेंटिंग की सराहना स्कूल में भी की जाती थी।

इमेज कैप्शन, मन्नू भंडारी ने 'यही सच है', 'अकेली' और 'मैं हार गई' जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं.

रानी ने शायरा की बात मान कर पूरे गाँव में घोषणा करा दी। दिवाली वाली रात को पूरे गाँव में अँधेरा था सिर्फ शायरा के घर में दिए जल रहे थे। तभी शायरा के घर में दरवाज़ा खटका। शायरा ने दरवाज़ा खोला और उसे जैसी उम्मीद थी उसने सामने देवी लक्ष्मी को खड़ा पाया। देवी लक्ष्मी ने शायरा और उसके परिवार को हमेशा धनवान रहने आशीर्वाद दिया अंतर्ध्यान हो गयीं। इसके बाद शायरा ने आतिशबाजी चला के सब को अपने अपने घर रोशन कर लेने का इशारा दिया

लड़के पर जवानी आती देख जब्बार के बाप ने पड़ोस के गाँव में एक लड़की तजवीज़ कर ली। लेकिन जब्बार ने हस्बा की लड़की शब्बू को जो पानी भर कर लौटते देखा, तो उसकी सुध-बुध जाती रही। जैसे कथा कहानी में कहा जाता है कि शाहज़ादा नदी में बहता हुआ सोने का एक बाल यशपाल

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

एक दिन की बात है मोती बाजार से सामान लेकर लौट रहा था।

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